खाटू श्याम बाबा और बूढ़े माता पिता,खाटू श्याम के चमत्कार की कहानी Khatu Shyam Ke Chamatkar Ki Kahani

जय श्री श्याम मन कितना भी उदास हो परेशान हो हिम्मत मत हारना बस मन से बाबा की डोर थमे रहना वक्त ऐसा बदलेगा कि आप खुद कहोगे कमाल कर दिया बाबा ऐसा ना सोचा था आज का अनुभव कैसा लगा प्लीज बताइयेगा। खाटूश्याम जी के चमत्कार

Jai Shree Shyam
Mann kitna bhi udaas Ho pareshan ho himmat mat haarna bus Mann se baba ki Dor thame rehna waqt Aisa badlega ki aap khud kahoge
kamal kar Diya baba aisa na socha tha

Aaj ka Anubhav kaisa Laga Please Bataiyega.
Khatushyam Ji ke Chamatkar

खाटू श्याम बाबा और बूढ़े माता पिता,खाटू श्याम के चमत्कार की कहानी Khatu Shyaam Baba Aur Boodhe Maata Pita Khatu Shyam Ke Chamatkar Ki Kahani

नमस्कार हर-हर महादेव जय भोलेनाथ आप सभी का स्वागत है आपके खुद के युटुब चैनल पर जिसका नाम है चाचा के फैक्ट्स मैं नितिन हूं कहानी सुनता हूं कभी फैक्ट्स कभी ईश्वर से जुड़े चमत्कार कभी रोचक पुराने कथाएं और कभी तीसरी शक्ति के प्रकोप ये जो कहानी हैं जो मैं सुनता हूं ये आप ही लोग मुझे भेजते हो तो अगर आपके पास भी कोई ऐसा एक्सपीरियंस है जो आप हम तक लाना चाहते हैं की मैं सभी के साथ वो सजा करूं तो मुझे मैसेज करिए फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टा कमेंट क्षेत्र कहानी भी हर जगह आप मुझे मैसेज कर सकते हो थोड़ा वक्त लगता है लेकिन कहानी मैं कोशिश रखना हूं की हर किसी की अपलोड हो पे आज की जो कहानी है बाबा श्याम से जुड़ा एक ऐसा जबरदस्त कमल

का चमत्कार है की जिसके बाद इनके पूरे खानदान ने बाबा श्याम अपने जीवन में अपना लिए क्योंकि भैया उसके साथ चमत्कार हुआ है ऐसा कैसे हो सकता था लेकिन इस ईश्वर के आने के बाद इनकी जिंदगी में चमत्कार हुआ तो हम भी ट्राई करके देखते हैं लेकिन ये ट्राई करना भारी पद जाता है एक बार आप बाबा से जुड़ गए तो फिर ये ट्राई के बाद जो खुशियां मिलती हैं वो ट्राई शब्द बचत ही नहीं अभी फिलहाल चैनल का इंटरव्यू फिर उसके बाद आकर कहानी शुरू करूंगा कहानी मत जाएगा पुरी कहानी सुनिएगा हर हर महादेव [संगीत] कहानी शुरू करने से पहले मेरी एक छोटी सी रिक्वेस्ट है आपसे हर बार करता हूं तो सोचा इस बार भी सही क्योंकि आप भूल जाते

हो तो मैंने याद दिलाना है ना अगर पसंद आई है तो प्लीज लाइक कर दीजिएगा शेर करेगा कमेंट में लिखिएगा जय श्री श्याम आपका नाम यह कहां से आप वीडियो देख रहे हो वो जगह और अगर पसंद आई मैं अच्छे से सुना पाया समझा पाया आपके दिल तक यह कहानी पहुंच पाया तो प्लीज ये जो सब्सक्राइब का बटन लगता रखा युटुब में इसे ढाबा लीजिएगा इसको दबाने के बाद कमल होगा मैं जब भी कोई कहानी लॉन्ग आप तक जरूर पहुंचेगी और अगर सब्सक्राइब नहीं करोगे तो फिर कहानी आएगा क्या पता चलेगा है ना बाबा तो प्लीज सब्सक्राइब कर लीजिएगा आज की कहानी महेंद्र जी और विमला जी की है विमला जी की उम्र है 76 और जो महेंद्र जी हैं इनकी उम्र है 82 यानी 82

एक छोटी सी बात शुरुआत करने से पहले बताऊंगा की एक मां आप 10 बच्चों को आराम से का लेते हैं थोड़ी कठिनाइयां के साथ लेकिन पाल लेते हैं है ना उन्हें सक्षम बनाते हैं उन्हें पैरों पर खड़ा करवा देते हैं उनका एक फ्यूचर एक अच्छा सेटअप तैयार कर देते हैं लेकिन इन 10 बच्चों से एक अकेले मां आप नहीं पलटे क्योंकि बहुत साड़ी प्रॉब्लम्स हैं माता-पिता को स्मार्टफोन चलने नहीं आते माता-पिता को फलन ठिकाना अरे दुनिया भर की बातें अगर माता-पिता ने तुम्हें बोलना ही नहीं सिखाया होता ना तो अभी भी आवाज डब्बा हो रहा होता ठीक है चलना नहीं सिखाया होता ना तो आज अपने पैरों पर खड़े भी नहीं होते जो मां आप को इस कादर सुस्त हैं की इनके साथ

क्यों रहे हैं या इन्हें साथ क्यों रखें हैं और तुम्हारी औकात ही नहीं है उन्हें रखना की समझ रहे हो इसी वजह से यह समस्याएं होती हैं कहानी थोड़ी सी ऐसा हो सकता है की आपको आंसुओं के साथ सुनने पद जाए क्योंकि यह जो इनके साथ हुआ साथ साल नौकरानी बनकर जो रही साफ शब्द बोल रहा हूं वैसे मुझे शब्द अच्छे नहीं लगता लेकिन जो अम्मा जी ने कहा वो बताना सुनाना पड़ेगा 7 साल नौकरानी का कम किया बिना तनख्वाह के कम किया और जो इनके पिता है इनके पास एक कम राहत था की घर से बाहर जाना है और समाज लेकर आना है यह भी नौकर ही हुए इन दोनों

को रहने खाने को एक कैमरा मिला हुआ था और इन्हें कभी गहरे का रोटी दाल दी जाति थी अगर बहू रानी खाना बनती थी तो वरना तो रोज का कम अम्माजी का था और यह खुशी-खुशी 2 साल तक तो लाड प्यार में करती नहीं फिर इन्हें समझ ए गया लेकिन यहां से यह बाहर नहीं ए पी लाया किसने है ना हमारे बाबा जी खैर कहानी शुरू होती है इन दोनों बच्चों के बड़े होने से जैसे इनके दो बेटे हैं ठीक है और बड़ा बेटा छोटा बेटा बोलूंगा भाई आप दोनों की कहानी जरूर आएगी आप देख रहे हो ना तो यह जो बीच का समय है ना सोचिएगा की कभी आपकी औलाद यह वाले 7 10 साल आपको दिखा दें पैरों के नीचे से जमीन गायब हो जाएगी तुम्हारी समझ ए गई होता क्या है की कहानी

की शुरुआत होती है जब यह दो बच्चे बड़े हो गए बड़ा वाला बेटा जो है कॉलेज पास आउट है और जब के सिलसिले में इधर-उधर हाथ पर मार रहा है और हां वक्त रहते ठीक समय एक नौकरी मिल गई और ये जो छोटा वाला बेटा है ये अभी सेकंड एयर में था इन दोनों को यह बात समझनी चाहिए की यहां तक भी तुम्हारी जो तनख्वाह तुम्हारे पैसे तुम्हारे स्कूल की कॉलेज की फीस तुम्हारे कपड़े तुम्हारे उठने बैठने के मोटरसाइकिल का खर्चा यह माता-पिता ही कर रहे थे लेकिन भैया आदमी ऐसे में अंधा हो जाता है आंखों पर हाथ रख कर सोचता है की दुनिया तो ऐसी ही है वो कहते हैं ना की कबूतर आंखे बैंड कर लेट है की बिल्ली नहीं आएगी लेकिन बिल्ली तो आएगी क्योंकि जिसकी आंखें खली है वह वक्त रहते

उड़ सकता है समझ रहे हो ना मैं क्या समझना छह रहा हूं होता क्या है की जब यह बच्चे बड़े हुए उसके बाद मां-बाप से इनका थोड़ा सा आर्गुमेंट रहने लगा अरे ये घर में पूरे में तुम ये पूजा पाठ करते रहते हो इसकी कोई जरूर है नहीं और एक कमरे में बैठा करो ये कभी इस कमरे में बैठ जाते कभी उसे कमरे में मेरे यार दोस्त आते हैं मेरा कोई मिले-जुलने वाला आता है अच्छा लगता है की पूरे घर में मतलब सफाई नहीं रख सकते क्या तुम दोनों ये बड़े वाले बेटे ने अपने मम्मी-पापाप होगा उसने कहा की बेटा नहीं वो ऐसा है ना की यहां मंदिर में एक बहुत बड़ा भाव में जागरण होने वाला है तो सब ने कोई ना कोई कम उठाया था अब हमने ना फूलों

की माला का कम उठाया है और यह फाइनेंशली ना बहुत ऐसा जबरदस्त स्ट्रांग नहीं है ठीक-ठाक हिसाब किताब है अम्मा बाबू जी का थोड़ा-थोड़ा टेंशन आता है इस में कम चल रहा है इस से ये बच्चे पढ़ रहे हैं और इतना टेंशन आता है की इन दोनों बच्चों की इज्जत पुरी हो पाती है मां-बाप के लिए कुछ बचत है नहीं और अगर वो पैसे नहीं देंगे तो मां-बाप को ये भी का दिया था की घर से बाहर निकाल जो तो चलो ये साड़ी बातें जो ये आम सी बात है और हिंदुस्तान में ये तो होता ही राहत है या तो पैसे दो निकाल जो मदद करो ना मदद अभी तक किसी ने कारी मदद उसके बाद भी मदद कमाने के बाद भी तुम्हारे को भीख ही चाहिए शब्द बड़े स्ट्रांग इस्तेमाल कर रहा हूं

आज है ना नौकर नौकरानी भी सुनकर कितना अच्छा ग रहा है और यह तो इस वक्त से होकर निकले हैं इन्हें अभी तक बाबा श्याम के बड़े में पता नहीं था अब जरा ध्यान से सुनिएगा बड़े वाले बेटे ने कहा की पूरे घर में यह जो तुमने फैलाव कर रखा है कई बाहर बैठकर कर लेते पूरे घर में गंदगी कर राखी है पिता ने कहा की बेटा गंदगी नहीं है और ये हमारा कम है और हमें बड़ा अच्छा ग रहा है करते हुए सभी ने कोई ना कोई कम उठाया है हम पैसे से इतने मजबूत नहीं तो हमें वहां से फूल मिल गए थे तो इसकी माला बनाकर लेकर जानी है और इतनी मलाई बनानी है वो कुछ दरबार पर लगेगी पीछे लगेगी और मां भवानी पर और बहुत अच्छा

जागरण है तो उसके लिए तो उन्होंने कहा जो भी है मेरे घर में कूड़ा कचरा करने की जरूर नहीं थी खैर अभी इस सब को साफ करो शाम को मेरे कुछ दोस्त भी आएंगे और हमारा यहां पर खाना पीना होगा थोड़ा सा बातें करेंगे और कॉलेज के मेरे मित्र रहे कुछ मेरे जो नए ऑफिस में है वो भी आएंगे मां को मनु कार्ड एक दे दिया गया ये सब बन जाना चाहिए तो उन्होंने कहा बेटा ये हमने कभी बनाया नहीं और हमारे घर में मास नहीं आता है नहीं तो मैं क्या बाहर से मंगवाऊंगा जब वो लोग खाना पसंद करते हैं और मैं भी कभी-कभी बाहर का लेट हूं ये बात सुनकर माता पिता को थोड़ा अजीब लगा की भाई पूजा पाठ ही लोग

हैं और हमारे यहां ये मांस मच्छी वगैरा नहीं आई है जो खाता हैं उनसे कोई प्रॉब्लम थोड़ी ना है ये तो जिसका जैसा स्वाद है भैया खाए लेकिन शाकाहारी होना कोई गलत नहीं है खैर मैन जब यह माना कर तो मां से ही का दिया की फिर एक कम करना तो मैं इनमें से कुछ भी बनाने की जरूर नहीं है मैं बाजार से ऑर्डर कर लूंगा और जब ए जाएगा तो उसे घर में मतलब ग्राम वगैरा तो कर ही देगी ना मानेगा की ठीक है मैं खाना गम कर दूंगी लेकिन जो मांस है उसके लिए हमारे पास बर्तन नहीं है मांस को किसमे करते हैं मुझे ये पता ही नहीं है तो लड़के ने और दो तीन बातें सुने तो पिता ने कहा की नहीं

कोई बात नहीं हम सब कुछ ठीक कर लेंगे और जैसे ही आएगा हम खाना गम करके सर कर देंगे छोटा वाला बेटा भी सुन रहा था तो उसने कहा की भैया मेरे लिए भी कुछ मंगवाओ ना यार मतलब मेरा मां नहीं है क्या मैं भी नहीं खाऊंगा क्या तो उन्होंने कहा तू खाता है उसने कहा मैं तो हुक्कता हूं मैं तो घर पर भी लाकर का चुका हूं बुद्ध बुढ़िया को पता ही नहीं पड़ता की मैं क्या ला रहा हूं क्या का रहा हूं इज्जत देखिए हर दिन उतार रही है और हर दिन बेइज्जती इतनी भरपूर तरीके से हो रही है की किसी भी ईश्वर में कोई भक्ति का कोई मां नहीं बन्ना चाहिए लेकिन ये जिद्दी है दोनों इन्हें भगवान की पूजा करनी है बच्चों के

लिए अच्छा स्वास्थ्य अच्छा समय अच्छा फ्यूचर मांगना है अरे तुम अपने लिए ही कुछ मांग लिया करो बच्चे तो पाल गए और वह पाल ही जाएंगे जो इस तरह के बदतमीज होते हैं ना हां यह पाल जाते हैं कोई समस्या नहीं होती क्यों यह दोनों नहीं बाल रहे थे एक जब कर रहा है जिसकी कुछ समय बाद तनक भी आएगी है ना और दूसरा बस अगले साल कॉलेज से बाहर आएगा यह भी नौकरी करेगा इन दोनों सपना मां-बाप नहीं बन रहे खैर भैया शाम हुई और वो खाना जो इस लड़के ने ऑर्डर किया था वो आया उसने पैसे मांगे तो मां-बाप को वो पैसे देने पड़े यह पैसे जमा कर रखें थे इन्होंने किसी और अपने कम के लिए जो की इनका जरूरी रहा वो पैसे खाने में चले गए

अब बड़े वाले के यार दोस्त आए छोटे वाले के भी कुछ लोग आए अब यहां माहौल बहुत अच्छा हो रहा है इनके हिसाब से और माता पिता अपना मुंह हाथ धोकर खाना उन लोगों को सर्व करके बाहर जान लगे तो बड़ा वाला क्या कहता है की कहां चले तुम दोनों बेटा आज जागरण है ना तो हमने बताया था की हम वही जाएंगे और देखते हैं कितनी डर बैठ सकते हैं फिर उसके बाद हम आएंगे और प्रसाद लेंगे तुम्हारे लिए उन्होंने कहा सुबह तक आने की जरूर नहीं घर के बाहर ही रहना तो पिता ने यह कहा महेंद्र जी ने की बेटा हम सुबह तक नहीं बैठ पाएंगे जागरण जब शुरू होगा उसके बाद भाई एक घंटा सव घंटा या ज्यादा दो घंटे बैठ लेंगे फिर उसके बाद थकान होती है फिर आएंगे घर सो जाएंगे

उन्होंने कहा घर आने की जरूर नहीं है वहीं कहानी सो जाना यहां हम अपना खाना पीना कर रहे हैं और घर में रहोगे तो बेकार खैर तुम दोनों बाहर ही रहना समाज ए गई हो तो चलो यहां से बेटा हम वहां इतनी डर नहीं बैठ सकते तो छोटे वाले ने क्या कहा अरे तुम दोनों को सुने नहीं देता बहरे हो गए क्या ये छोटे वाले के शब्द थे तुम दोनों को सुने नहीं देता धरे हो गए जब भैया ने बोल दिया की सुबह तक आने की जरूर नहीं है तो निकालो यहां से अब मां आप इतनी बेइज्जती करवा कर मतलब इतनी काफी रही इतनी बेइज्जती करवा कर जब घर से बाहर निकाल रहे थे तो

इसी गली में एक लड़का और राहत था ठीक है जो की इस जागरण में जा रहा था उसने देखा मां बाबूजी की आंखों में आंसू हैं आंसू पोछाते हुए उतारे तो पूछते हैं की अरे क्या हुआ ये लड़के की उम्र बता देता हूं 30 31 साल है ना महेंद्र जी से बहुत छोटा यानी उनके बेटे की उम्र का है बड़ा बेटा मां लो भौजी क्या हुआ आप ठीक हो अम्मा जी आप ठीक हो हां अभी तो मेरा आंखों का जो ये नंबर है बाढ़ गया है चश्मा बनवाना है उसकी वजह से आंखों में है दिक्कत रहती है बेटा कभी-कभी और अम्मा जी आपकी भी आंखों में कुछ ऐसी समस्या हुई होगी अरे नाना मैं तो अभी खाना बनाकर आई हूं तो अगर लगता ना तो आंखों में

बहुत डर तक उसकी वो जलन सी रहती है तो उसे लड़के ने क्या कहा इस लड़के का नाम सुंदर है ठीक है इस लड़के ने कहा सुंदर ने मतलब की झूठ बोलना ना हर किसी की कल नहीं होती आप जागरण जा रहे हो हां और जागरण जाते मैं आप झूठ बोल रहे हो मां भवानी क्या मतलब आपके लिए सोचेंगे की बताओ हमारे दरबार ए रहा है और झूठ बोलना ए रहा है झूठ क्यों बोलेंगे भौजी ये सच भी नहीं है जो बोल रहे हो की हमें ना बहुत सी चीजों की अभी अकाल नहीं है हम बड़े तो हो गए लेकिन ये बुद्धि है इसे पागल को समझ ही नहीं आता की भाई ये जो मांस मच्छी आता है इसे कैसे ग्राम कर

जाता कैसे आपके घर में मास मच्छी कौन का रहा है वो बच्चे के कुछ दोस्त आए हैं उसे समझ ए गया अक्सर हम ये हर दो घर में देख ही लेते हैं तो ये लड़का जो सुंदर है कहता है की अगर आप चाहे तो एक बार मैं दोनों से बात कर सकता हूं उनका नहीं जरूर नहीं बेटा और सब ठीक अभी यह अगर वर्दी में होता ना तो उन दोनों की पार्टी खत्म हो गई थी समझ गए यह सुंदर कौन है उसने कहा एक बार की मैं बात कर लूं आप कहो तो लेकिन माता पिता ने माना कर दिया जो सुंदर है यह इनके साथ साथ जागरण तक पहुंच अब जागरण में जब बैठ रहे थे तो उससे पहले थोड़ा मतलब दरबार को अच्छे से तैयार कर रहे थे मतलब वक्त से

आधा पूना घंटा पहले पहुंच गए थे क्योंकि घर पर रहेंगे क्या फायदा और बेइज्जती होगी इससे अच्छा है की मां के सामने बैठना है तो यहां ये थोड़ा सा पीछे जाके बनाकर दोनों आराम से बैठे हुए थे यहां एक सुमित्रा नाम की महिला मिल गई अरे अम्मा बाबू जी कैसे हो और यहां कहां पीछे बैठ गए सबसे आगे बैठो ना दरबार में ऐसे पीछे अरे यहां तो मच्छर भी लगेंगे आगे बैठो उन्होंने अगर कुछ ठीक है सुंदर आता है सुमित्रा जी से कहता है की ये घर से जब आए हैं ना और यहां तक झूठ बोलते हैं झूठ साड़ी बात बताई तो उन्होंने कहा की नहीं देखो ऐसा है इन दोनों की शिकायत क्यों ना कर देते तो सुंदर रेखा की आप एक शिकायत करो कल जिप्सी ए जाएगी अरे तुम हर जगह

अपनी पुलिस फोर्स लेकर चलते हो मैं बाबा से का रही हूं बाबा से अरदास लगा दो दोनों की अकाल ठिकाने आएगी बाबा कौन से बाबा से अरदास लगे अरे खाटू श्याम बाबा खाटू श्याम को नहीं जानते क्या अरे खाटू श्याम बाबा ने ऐसे-ऐसों को ऐसा सीधा किया है ना लाइन पर ए जाएंगे दोनों जो बदतमीजी कर रहे हैं तुम्हारे साथ नहीं सब ठीक है जागरण शुरू हुआ जागरण शुरू होने के डेड घंटे तो घर चलते हैं भाई उसने ऐसे ही मजाक में का दिया होगा ना की घर आने की जरूर नहीं है लेकिन उसने तो सीरियसली कहा था यह माता पिता वहां पहुंचे अपने घर गई दुर्बल बजाई बड़ा वाला लड़का आया वो थोड़ा सा अपने

कम था उसके साथ उसका छोटा भाई भी था तुम दोनों यहां क्या कर रहे हो अरे जो ना अपना वो क्या तुम जागरण वगैरा में गए थे यहां पर आने की क्या जरूर है बेटा नहीं जा रहा है और बस हम अपने कमरे में जाकर थोड़ा सोएंगे और थकान बहुत हो रही है सुबह आना चलो अरे बेटा हमसे बेटा नहीं जाएगा वहां दिक्कत हो रही है समस्या ग रही है हम चुपचाप एक कोनी में बैठ जाएंगे ना तुम हमें अंदर आने दो इस लड़के ने वो सामने बैंड किया गेट ठीक है की यहां पर दोबारा से आवाज देने की जरूर नहीं है हम सब अपना का रहे हैं पी रहे हैं और बेकार की ड्रामेबाजी हो जाएगी धक्के मार के निकाल दूंगा यहां से और यह चीज सनी गई

क्योंकि पीछे सुंदर भी खड़ा था लेकिन अंधेरे की वजह से शायद वो नजर नहीं आया या यह अपने होश में थोड़ा सा कम इस वजह से नजर नहीं आया दोनों में से पॉसिबिलिटी किसी भी बात की हो शक्ति है अब वो लड़का तो इतना बोल बलकार बड़ा बाल और छोटा वाला छोटे वाले की भी बहुत अच्छे-अच्छे शब्द रहे लेकिन उसे अभी गिनोर करो वो दोनों अंदर गए और दरवाजा बैंड कर लिया [संगीत] कर माता पिता से मतलब इसके नहीं है लेकिन फिर भी पता नहीं लोग कहां कहां से ए जाते हैं किसी की मदद करना है ऐसे ही सुंदर ए गया सुंदर आता है और बोलना है की आप दोनों को परेशान होने की जरूर नहीं है तीन कम पर मेरा घर है आप चलो आगे और वहां जाकर आराम

करो नहीं बेटा सड़क पर बैठोगे बहुत अच्छा लगेगा अरे अपनी नहीं तो अपने बच्चों की इज्जत का तो सोचो आप तो चलो ठीक है सड़क पर बैठो कौन आपको पूछ रहा है लेकिन उनकी इज्जत दो अनमोल रतन है घर के अंदर उनके बड़े में लोग क्या सोचेंगे की उनके मां-बाप कैसे हैं सड़क पर बैठने हैं उनकी इज्जत मां आप दोनों सोचते हैं की हां ये तो गलत है हमारी वजह से हमारे बच्चों की इज्जत नाना एन ठीक है बेटा हम तुम्हारे घर चलते हैं उसके घर आए सुंदर के घर जैसी पहुंचे तो उसके मां-बाप आए ठीक है सुंदर के जो मां-बाप हैं अरे अम्मा बाबूजी आई बहुत अच्छा लगा की आप आए और सब ठीक है उन्होंने

कहा पहले तो अम्मा बाउजी को खाना खिलाओ उसके बाद उन्हें आराम करने दो यह बातें जो हैं सब बाद में करना बेटा लेकिन हुआ क्या सब ठीक है अगर कुछ ठीक नहीं है इनके बच्चों ने इतनी बदतमीजी कारी है ना घर से बाहर निकाल रखा है बात सुबह करेंगे इसे कोई भी इस तरह की जिक्र नहीं करेगा यह साड़ी बातें अब मां जी ने सुन ली अम्मा जी ने सुंदर को बुलाया और कहा की बेटा तूने जो किया वो बहुत अच्छा लगा लेकिन ये किसी को पता मत और हम ना कल सुबह शिकायत करने जा रहे हैं तो उसने कहा की आपसे मैंने पहले ही कहा है बस आप एक आवाज दो इन दोनों को मैं ठीक करना जानता हूं ये कैसे ठीक होंगे सिर्फ आधे घंटे में दोनों को ठीक कर दूंगा

नहीं नहीं तेरे से कौन शिकायत कर रहा है ना हम ठाणे हमें तो किसी और से शिकायत करनी है किस शिकायत करनी है एक खाटू श्याम है उससे जाकर शिकायत करेंगे जा रहे हो किसकी अपने बच्चों की हम दोनों को उन्होंने बहुत परेशान कर रखा है बस हम यह चाहते हैं की वह हमें चाहे घर से निकाल रहे हैं हम उनकी जिंदगी से बिल्कुल चले जाए लेकिन वो हमसे बात जब भी करें दो बोल जो बोले वो अच्छे बोले हैं मेरे को अपने लिए कभी अच्छा सुनने का मां ही नहीं हुआ पुरी जिंदगी बीट गई लेकिन अपने जीते जी अपने पति के लिए गलत शब्द सुनने मुझे बर्दाश्त नहीं होते महेंद्र जी ने कहा की देखो ऐसा है ये घर की बात है घर

में रहने दो और ये बाहर बोलोगे तो 10 जनों तक जाएगी और वो 10 उसमें मिर्च मसाला लगाकर क्या बना देंगे अपनी नहीं बच्चों की इज्जत तो सोचो लोग उनके बड़े में क्या सोचेंगे मैं कल सुबह लेकिन बाबा जी से अरदास जरूर लगाऊंगी अब यहां सुंदर ने कहा की ठीक है आपने बाबा जी सरदार लगानी है उनसे शिकायत करनी है जो मर्जी करना करो अभी लेकिन थोड़ा कुछ खाना का लो और उसके बाद आराम करो सुबह आप जाकर शिकायत करना इन्होंने बहुत माना किया तो सुंदर ने कहा की ठीक है मैंने भी खाना नहीं खाया था आज मैं भी नहीं खाऊंगा और क्या सुंदर की माता पिता ने कहा की ठीक है अगर कोई भी नहीं का रहा तो फिर हम भी नहीं खाता क्योंकि हमारा

भी खाना थोड़ा डेरी से ही होता है अरे आप सब ऐसा मत करो अब इतना लाल प्यार मिल रहा है जो की माता-पिता ने मतलब कभी उम्मीद नहीं कारी थी की ऐसा भी घर होता है उन्हें तो अपने घर के बड़े में बताता की हमारे दो बेटे हैं पहले तो बड़ा अच्छा लगता था लेकिन आज की डेट में इन दोनों बेटों ने जो की बैसाखी बने चाहिए थे वह इस तरह से बदतमीजी कर रहे हैं की ये दोनों मतलब हर दिन को एक मतलब सितम की तरह से जेल रहे हैं की इससे तो कल मा गए होते तो ज्यादा अच्छा था आज ये देखना नहीं पड़ता है ना मतलब रोज का इनका ये हो रहा था उनके साथ बैठकर इन्होंने खाना खाया बहुत साड़ी बातें हुई बाबा श्याम के बड़े में

कुछ जन को मिला सुनने को मिला कैसे क्या कब शुरू हुआ सब मतलब और बड़ा मंदिर कौन सा है सब कुछ पता किया बाबा से अरदास लगानी है ना तो जाकर वहीं टॉड लगेगी जब ये खाना खाकर जा रहे थे और मतलब अपने जो कैमरा मिला है वहां पर जाकर आराम करने वाले थे तभी ये जो अम्मा जी हैं मतलब की सुंदर की मम्मी जो है ठीक है वो कहती है की आपको बड़े मंदिर जान की जरूर ही नहीं है ठीक है राजस्थान जान की जरूर नहीं है आपको क्योंकि यह लोगों की धरना है की हम वही जाएंगे खाटू तो सुनेंगे बाबा वरना नहीं ऐसा नहीं है जो मेरे घर में है ना जो खाटू श्याम बाबा मेरे पास है मेरे जो घर में मंदिर है उसमें जो स्थापना हुई थी वो 21 दिन वाली स्थापना के बाद मूर्ति आई है

साधारण नहीं है मेरे बाबा आप इसे अरदास लगा दो और फिर देखो कमल उन्होंने कहा लेकिन अभी अरदास लगा दें और अगर ना ना अब तो रात हो गया दिन छुपी हम पट बैंड कर देते हैं अब तो सुबह ही उठाएंगे बाबा अब तो आराम का समय है अच्छा ठीक है हम सुबह मतलब घर से नहा धोकर आएंगे और उसके बाद यहां उदास लगाएंगे सुबह हुई सब ने एक दूसरे से जय श्री श्याम कहा और यह अपने घर के लिए ए गए घर खुला हुआ है दरवाजे खुला हुए पूरा घर उथल-पल है वो तो आप जानते हैं किस तरह की पार्टी हुई है बताने की जरूर नहीं इतने तमीजदार लोग हैं साफ-सफाई के साथ कौन पार्टी करता है अब ये दोनों तो जा चुके थे खाना खाकर ये तो

गेस्ट हाउस में आए थे ना माता-पिता को यहां साफ-सफाई करने में दो ढाई घंटे ग गए पूरा घर जब इन्हें साफ कर लिया उसके बाद नहाना धोना हुआ और फिर अम्मा जी जल्दी बाबूजी ने पूछा की कहां जा रही हो अरे तुम इस बात को सच मां नहीं हो क्या कोई भगवान को कुछ कहो वह कम थोड़ी ना करते हैं क्या हमने आज तक पूजा कारी है उसका फल हमें दिखे नहीं रहा भगवान ने हमारी बात सुन ली कौन सा भगवान है जो की तुम्हारे खाने से तुम्हारे बच्चों को एकदम ठीक कर देगा ऐसे नहीं होता है ये साड़ी बातें उन्होंने बोल दी और तुम उसे दिल पर लगाएं बैठी हो कोई खाटू श्याम बाबा कोई मदद नहीं करते हैं गर्भार्इ रहो आराम करो तभी आया

सुंदर अरे बाबूजी आप एक बार का कर तो देखो मैं तो चलो एक छोटा सा पुलिस वाला इंस्पेक्टर छोटा सा वो पूरे संसार के इंस्पेक्टर हैं हां हां आप एक बार शिकायत करके देखो अगर वो सुधार ना दें तो बात रही बेटा मेरा वह मतलब नहीं है आपकी आस्था है आप मानो समझो वो अच्छी बात है लेकिन ऐसा कुछ होता है ऐसा नहीं होता तो एक बार अम्मा जी के मां के लिए उन्हें करने दो ये कर रही हैं ठीक है भैया इस गुड़िया की तो समझ ए नहीं रही है तू भी बालक है तेरे को क्या समझाऊं एन कहा ठीक है जो अब ये गई इन्होंने वहां सच में अरदास लगा दी अरदास लगाते में यही बोला जो ये कहना चाहती थी मेरे दोनों बच्चों की

अकल्ट ठिकाने ए जाए और अपने बच्चों की शिकायत कारी शिकायत करने के बाद एक उन्हें छोटी सी तस्वीर भी मिल गई की आप पूजा घर पर कर सकते हो बाबा श्याम से अर्जी आप जब मर्जी आओ हमारे घर लगाने कोई दिक्कत नहीं है लेकिन बाबा को आप अपने घर में भी स्थान दीजिए फिर आप देखिए की आपके घर से यह जो नेगेटिव है ना कैसे दूर होगी और बाबा आपका हाथ जरूर खाएंगे आशीर्वाद रहेगा कभी कुछ गलत नहीं होगा जब इतना कोई सामने वाला समझता बताता है और हम एक अंधेरी गुफा में चल रहे होते हैं तो हमें वो रोशनी की किरण लगती है की शायद यही वो किरण है जिसकी वजह से हमारी जिंदगी में उजाला आएगा और ये तो बाबा शाम है उजाला इतना आएगा की ऐसा लगेगा की अंधेरी

गुफा में सूरज जल गया अब होता क्या है यह घर आई महेंद्र जी ने कहा की ठीक है शिकायत कारी आई हां जी करिए अब क्या होगा आज चमत्कार हो जाएगा उन्होंने कहा आप ऐसे बात क्यों कर रहे हो मैं खाना भी ना बनाऊंगी खाना ना मिलेगा तुम्हें खाने को अरे मुझे क्यों लाड रही है मतलब मैंने क्या किया है मतलब गलत करें तेरे बेटे और सुना मेरे को दे ना ना मैं खाना तैयार कर दे दलिया वाले कुछ जरा कुछ है ही ना बाजार जो डालिए लो तब बनाऊंगी और महेंद्र जी कहें की अभी तो मैंने साफ सफाई कारी है ना आया धोया में आराम से बैठा हूं अब जाके मैं दलिया ना देखो खाना तो का लो नहीं खाना तो बैठे रहो और ये क्या फोटो क्या लेगी तुम यह बाबा की

फोटो है यह खाटू श्याम यह तो कन्हैया की फोटो है ना कन्हैया नहीं है यह बाबा श्याम है मुकुट देखो चेहरा देखो मुझे नहीं देख रहे तुम ये मोटी-मोटी बड़ी-बड़ी मुछे वाला खाटू श्याम ठीक है और श्याम बाबा कौन है यही खाटू श्याम बाबा है अब बुद्ध जाट दिमाग मत का मेरा जा फटाफट जाकर दलिया लेकर आओ मुझे भी भूख ग रही है यह जब से तू इसे लाई है ना ज्यादा बोल रही है तू मेरे से फालतू मैंने कहा बाबा ने बच्चे तो ठीक करें नहीं मेरी अकल ठीक कर दी है मैं बहुत चुप र कर सारे कम करती रहती थी चलो यहां से जो डालिए लो और वास्तव में अंबाजी की जुबान ए गई है बाबा को घर में स्थापित कर जय श्री श्याम और थोड़ा उनके आगे जोत

वगैरा खरीदा गलती से दोनों बच्चे वापस ए गए अरे तुम दोनों ए गए घर की सफाई भी कर दी बाबूजी के अभी जा ही रहे थे एकदम रुक गए हां बेटा वह हम सुबह ए गए थे लेकिन तुम जब गए तो घर खुला ही छोड़ गए थे ऐसे मत जय करो अब तू सिखाएगा हमें की किस तरह से रहना है किस तरह से जाना है घर की सफाई कर दी ठीक है और आज मेरे दफ्तर की छुट्टी है तो मैं घर पर ही रहूंगा और हां शाम को एक जरूरी कम है वो शाम को बताएंगे हम एक वकील साहब आएंगे तुम दोनों से बात करना है अब मैंने कहा की हमें किसी से बात करने की फुर्सत ना आए शाम को हम दो घर छोड़ के जो है सुंदर उसके घर जाएंगे उसके

पापा से हमारे कुछ बातचीत हनी है क्या कहानी मतलब सुने नहीं दिया मैंने बताया की शाम को ही वकील साहब आएंगे वकील साहब तुमसे कुछ बातें कराएंगे कुछ दो एक साइन वगैरा कराएंगे जो की जरूरी होते हैं अब मैंने तो सीधा-सीधा क्यों ना बात कर रहा है की तुझे कागज जो है मकान के उसे पर साइन चाहिए हमें क्या समझ नहीं आई हम मूर्ख दिखे रहे हैं तुझे अरे बढ़िया बात कैसे कर रही है बात क्या कर रही हो तेरी समझ नहीं ए रहा सुने नहीं देता बड़ा हो गया है क्या तू अब बाबूजी को समझ नहीं है की क्या क्या कर रही है ये मतलब बाबूजी का एक मिनट शांत हो जा तू अंदर जा अरे अंदर क्यों जाऊं मेरा घर है

मालकिन हूं इस घर की मैं क्यों जाऊं अंदर और छोटे वाले ने कहा की अरे तुम्हारे वो क्या वो क्या गया है कल जागरण में गई हो उसके बाद से दिमाग खराब हो गया भैया से किस तरह से बात करनी है पता नहीं है तमीज नहीं है क्या उसने कहा भैया होगा तेरा मैं मां हूं मां से बात करने की तमीज नहीं है किस तरह से बात होती है अब यह लड़के जो है ये तो फिर भी थोड़ा सा मंडी आवाज में बात कर रहे थे जो मां है ये तो गरज रही थी भाई साहब और इतनी तेज बात कर रही थी की बाहर तक आवाज जाए बाहर सुंदर के कुछ परिवार के सदस्य खड़े थे उन्होंने जाकर अम्मा बाउजी को बता दिया वहां से अम्मा बाउजी आए और घर में इस गर्माहट के माहौल को शांत कराया अम्मा को

कहा की आप जरा घर चलो आपको जरूरी बात जो बतानी है हमने वहां बताएंगे चलो चलो अब मां जी को लेकर गए भाई ये तो गरज नहीं है बरस जाति है तो अभी घूस बजती महेंद्र जी को समझ नहीं आया की ये मेरी बुढ़िया को क्या हो गया बावली हो गई क्या जाकर खाटू श्याम बाबा की तस्वीर अच्छी और फिर चुपचाप बिना कुछ बोले वहां से सुंदर के घर पर आए मतलब वास्तव में महेंद्र जी के उसे टाइम हाथ कहां पर थे की यह मेरे घर में क्या हो रहा है भाई अम्मा घुरई जैन मैं देखते हूं कैसे साइन कराएंगे मेरा बुद्ध से मेरे से कैसे साइन कर लगा मैं करूंगी मैं ना दूंगा की अम्मा जी ने दांत लगा दी क्या हुआ क्या

अरे मेरे से फालतू बात कर रहा था अच्छा अच्छा और यह वही अम्मा है जो की झाड़ू पहुंच नॉनवेज पकाना हाथ जोड़ जोड़ के बच्चों से मिलती करना हमें घर में अंदर आने दो और आज गरज करेंगे सुंदर ने कहा अपने माता-पिता से की बाबा ने बहुत मदद कारी है सब कुछ देखा है सुना है हमने लेकिन इस तरह बाबा का चमत्कार भैया कैसा भी हो सकता है अब वह दोनों लड़के आते हैं इनके घर और सुंदर इस वक्त अपनी वर्दी में था आए तो घरमाते हुए थे नमस्कार वह हमारे मम्मी पापा आए होंगे उनसे जरा मैं बात करनी है क्योंकि यहां तक पता ही नहीं था की सुंदर पुलिस में है

और उसकी वर्दी देखकर बेल्ट के पास समाज देखकर थोड़े से शांत हो गए थी| दो मिनट अम्मा को कोई बात करनी है हां आपसे बात करनी थी मम्मी को भी ले आई मैं और भैया बात करेंगे अम्मा उठी हां चल घर चल चल मैं चल रही हूं महेंद्र जी का हाथ पड़ा लड़का था लड़खड़ाते लड़खड़ाते दोनों अपने घर तक ए गए और अपने घर से ही आवाज का देती है सुंदर ए सुंदर गेट पर आया तू इधर ए रहा हूं यह घर की बात है घर में होगी ना क्यों तू बाहर के वकील को ना बुला रहा तो मैं अपनी पुलिस को बुला रही हूं अरे घर की बात है

अम्मा नहीं घर की बात में वो वकील ए रहा है तो ये भी हमारा बेटे जैसा है हां मैं इनके बेटे जैसा ही हूं बताओ क्या बात हो गई अंदर चल के बात करते हैं हां बात करो बताओ नहीं हम तो ऐसे ही बात करने जब अपने मम्मी पापा से कोई बात नहीं कर सकता क्या नहीं कर सकते हो लेकिन फिर मैं चलूं नाना बैठा र यह वकील की बात उसके सामने बता पहले लेट हूं यह हमारा खाटू श्याम है सुंदर एकदम हाथ जोडा है की मेरी इतनी औकात नहीं है की मेरे को आप क्या बना रहे हो मैं बाबा के मतलब अरे उनके सामने कोई मतलब ही नहीं मेरा नहीं नहीं तू हमारा है खाटू श्याम और बता भाई तू क्या का रहा था हम यह का रहे थे छोटे वाले ने कहा कैसे

वाले घर को हम निकाल कर कहानी और रहेंगे और तुम दोनों की व्यवस्था हमने एक ओल्ड आगे होम है जहां पर तुम्हारी उम्र के बहुत सारे लोग रहते हैं वहां कर दी है वहां तुम्हारा खाना पीना दवाई सब कुछ एकदम समय से होगा महीने का वहां पर जो खर्चा वगैरा जाता है मैं और भैया कर लेंगे और तुम वहीं रहोगे अब सुंदर देखें की भाई मैं इसमें अभी ना बोलूं तो ज्यादा सही है अम्मा जी क्या कहती हैं की ठीक है कल का भेजता हूं आज बीच कर आज बीच ठीक है और इससे जो पैसे आएंगे वह हम घर लेंगे कहानी और हम मकान ले लेंगे और तुम दोनों को एक अनाथालय है मेरी नजर में मार डलवा देते हैं ठीक है और उसका महीने का जो जाएगा वो हम दे दिया करेंगे

अरे भैया क्या क्या बोल रही हो मतलब हम अनाथालय में क्यों रहेंगे क्या हमारे माता-पिता नहीं है का रहा है ना जो अपने माता-पिता को वृद्ध आश्रम में फेंकना छह रहा है उसकी औलादें तो है ही नहीं तुम्हारे माता-पिता हैं ही नहीं तुम अनाथ हो और तुम्हें अनाथालय में ही रहना चाहिए ए गई बात समझ अब निकालो दोनों मेरे घर से यह अम्मा ने कहा और आप यकीन नहीं मनोज अम्मा ने वास्तव में ने निकाल दिया था घर से भाई साहब बड़ा वाला जो की दिल से अपने छोटे वाले भाई को प्यार करता था एक महीने में सर प्यार खत्म हो गया था दोनों को घर से जब निकाला तो अम्मा जी ने ₹1 ना दिया उसकी पेंशन ए रही है मैं खाऊंगी

बीच में यह सुंदर बैठा था और जो बीच में कोई वर्दी वाला बैठा हूं ना तो मुंह खोलना के लिए जिगर चाहिए होता है और जिसमें की पता हो की हम गलत है उसने कुछ इंटरफेयर नहीं किया वह चुपचाप बैठा रहा जानते ही हैं की जो वर्दी का एक और होता है वो इतना होता है की बदतमीजों का मुंह एक मिनट में बैंड हो जाए इनको घर से वास्तव में निकाल दिया गया बोलो जय श्री श्याम और निकालना के बाद यह छोटे वाले को लेकर किसी होटल में या कहानी महाश्ती कर लिया था इन्होंने एक महीने के लिए एक महीने के खर्च में सारे बर्तन भांडे बाईक गए क्योंकि तनख्वाह आई थी बीच में वो कुछ पैसे थे इनके अकाउंट में थोड़े

बहुत पहले की पढ़े थे निपट लिए क्योंकि खर्च बहुत है ना इन दोनों के छोटा वाला बड़ा लगे ग गया छोटे वाले में खूब मेहनत कारी की अरे मुझे तुम्हारे साथ रहना भैया मैं तुम्हारे साथ रहूंगा भाई और तुम मेरे उसने निकाल दिया चल अपना कम कर इसे नौकरी करनी पद गई शुरुआत में कहां मिलती है एकदम एडवांस थोड़ी ना मिलती है वैसे एक महीने धर्मशाला में रहा ये लड़का छोटा वाला मां-बाप के पास जाता था मिन्नत करता था और मां का देते अगर दोनों बच्चों में से किसी को भी तुमने घर में रखा तो मैं घर छोड़ दूंगी और पिता ने मतलब महेंद्र जी ने अपनी धर्मपत्नी की इस बात में उनकी इज्जत कारी उनकी इस बात की वैल्यू राखी और बच्चों को

घर में नियत दिया और सुंदर बीच में हर बार ए जाता भाई अगर जोर जबरदस्ती कारी बदतमीजी कारी तो तुम्हें वो हवा खिलाऊंगा जो की पुरी जिंदगी हमेशा स्वस्थ स्वस्थ रहोगे इन दोनों ने बीच में कोशिश कारी लेकिन एक महीना छोटा रहा बाहर और दूसरे महीने बड़े वाले की चली गई नौकरी क्योंकि भैया यह अपने टारगेट अचीव नहीं कर का रहे थे तो इनके चंद तारे नजर ए गए तकरीबन तीन सव तीन महीने में किसी ने इन दोनों बच्चों को समझाया बैठा कर ये कोई थर्ड परसों था और आज की डेट में यह का सकता हूं की यह दोनों अपने माता-पिता की खूब सेवा करते हैं खूब इज्जत करते हैं

की घर से निकाल दूंगी के साथ वकील जो होंगे जो आपकी तरफ से आने वाले होंगे ना वो भी आपके खिलाफ बात करेंगे समझ रहे हो और जय हो वर्दी को तो सम्मान है ही लेकिन आपने बाबा श्याम बनकर जो एक इन दोनों की मदद कारी है ना की बोला कुछ नहीं लेकिन सपोर्ट हो रहा है वह काबिले तारीफ है अम्मा कहती है की जब से यह पगड़ी वाला मूंछों वाला नील घोड़े वाला तीन बाद धारी हमारे घर में आया ना हमारे जुबान ए गई हम गंज हम सिर्फ सुन रहे थे और अपने बच्चों की इस बदतमीजियों को जेल रहे थे लेकिन इसके घर

में आते ही मैं शेरनी बन गई हूं यह अम्मा जी के शब्द है तो इन शेरनी को मेरा प्रणाम जय श्री श्याम और शेर जी मतलब की महेंद्र जी आपको भी मेरा प्रणाम है बाबा कृपा करें और सब स्वस्थ रहे खुश रहे अम्मा जी आपको मैं यह का ही नहीं सकता की जिंदगी में आगे आपके बहुत साड़ी खुशियां हैं क्योंकि आप उनमें से हो की अब तो खुशी मेरे पास आएगी आएगी कैसे नहीं आएगी अभी खाटू वाले से शिकायत कर दूंगी की खुशियां नहीं ए रही है ऐसे ही आएगी खुशी ताल जाए तो सही राहत है आज की कहानी आज की कहानी आपको कैसी लगी मुझे बताया जरूर अच्छी लगी तो प्लीज लाइक करिए शेर करिए कमेंट में लिखेगा जय श्री श्याम आपका नाम

आपके जगह हर बार कहता हूं की किसी भी बात को सच या मनगढ़ंत मानो ना मानो कोई फर्क नहीं पड़ेगा बस एक बात 100% अपने दिल में बैठाइए की ईश्वर की भक्ति में स्वार्थ भाव से करोगे तो चमत्कार जरूर होगा सो थैंक यू सो मैच पर वाचिंग मेरा नाम नितिन है मुलाकात करूंगा आपसे अगली वीडियो में हर हर महादेव जय भोलेनाथ धन्यवाद

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