खाटूश्याम बाबा और लाचार बुज़ुर्ग Khatu Shyam Ji Ke Chamatkar

सभी का स्वागत


यह मिलते आपको फैक्ट मिलती है कहानियां मिलते हैं इश्वर से जुड़े चमत्कार और मिलती हैं आपको और स्टोरीस यानि की तीसरी शक्ति के कुछ ऐसे प्रकोप के बारे में जानने को मिलता है जिस पर कवि कवि यकीन करना मुश्किल हो जाता है और हां मैं यहां से कोई पुरुष नहीं देता हूं कि आपको भगवान के चमत्कार को साबित करना पड़ जाए तो बेवकूफी है तीसरी शक्ति के हुए प्रकोप को यहां दिखाया जाए साबित किया जाए बेवकूफी है आप नहीं मानते मत मानो पिक्चर की कहानी मानो बात खत्म मैं यहां से कोई प्रूफ नहीं ले रहा कहानी की तरफ चलते हैं

और हां जिन लोगों को ऐसा लगता है कि ऐसा नहीं होता बहुत सारे लोग होते कि बाबा श्याम ऐसे चमत्कार नहीं करते हो खाटू श्याम बाबा को आपने बताया है इस तरह के चमत्कार हमने तो कभी नहीं होते हुए तो मैं आपको यह नहीं कह रहा कि आप भरोसा करो लेकिन आप यह मत कहो कि ऐसा होता ही नहीं है ईश्वर को सच्चे मन से याद करो कमाल अपने होते चले जाएंगे फ्रिल कहानी चित्र पाते हैं अ कि आज की जो कहानी है ना यह हो सकता है कहीं न कहीं आपके घर से आपकी लाइफ से मैच कर जाए और अगर ऐसा हो रहा है तो जो इन्होंने गलती करी है आप बिल्कुल मत करिएगा सबसे पहले इस परिवार के बारे में बताता हूं यह एक काफी रिच फैमिली के बारे में है और

इनके घर में इनके माता-पिता है और इनके दो बेटे इनके साथ रहते हैं बच्चों की उम्र एक छोटा है आठ साल का एक बड़ा बच्चा है 12 साल का मम्मी-पापा बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे हैं और जो इनके सास ससुर है यानी लड़के के जो मां-बाप हैं यह पुराने खयाल के हैं क्योंकि यह बुरखे है आप ही कुछ तमीज नहीं है उठने-बैठने कि खाने-पीने की कि मेरे शब्दों को आज ना आप जज मत करिएगा क्योंकि मैं ऐसे ऐसे शब्द बोलने वाला हूं जो मुझे लिखकर भेजा है ना इन्होंने जो जिन्होंने मेल भेजा है तो मैंने उनसे कहा कि आप ऐसे शब्द मत लिखो तो उन्होंने का यह हमें बोला गया था और हम यह सब सुना है रहते तो हमें लिखने में कोई आपत्ति नहीं आप चाहे तो अपनी कहानी मैं बोल सकते हैं

खाटू श्याम बाबा पर इनका इतना विश्वास

शब्दों को तो ध्यान से सुनिए का युवा शाम पर इनकी बहुत आस्था है खाटू श्याम बाबा पर इनका इतना विश्वास है मतलब बुजुर्गों का है कि र जिंदा ही 19 है के बेटे से मोह जो है वह घर नहीं छोड़ने देता आ है इसलिए बहू की बदतमीजियों को भी नजरअंदाज करते हैं और इसके अलावा इनके पास कुछ हैवी नहीं करने के लिए कि भई बुजुर्ग है निर्भर हैं इसी लिए मैं कुछ कह नहीं सकते और कमाल कि बात देखिए जो दो बच्चे हैं आठ साल और 12 साल का यह दोनों बच्चे दादी बाबा को बहुत प्यार करते हैं मतलब इन दोनों में से एक दादी का लाडला है और एक दादाजी का लाडला है मम्मी-पापा जो कहते हैं वह बच्चे मानते हैं सुनते हैं समझते हैं लेकिन अगर दादी बाबा को कोई चीज चाहिए तो यह छोटे-छोटे से प्यारे प्यारे से नटखट नादान अपनी तरफ से कोशिश करते हैं

उसे पूरा करने की ओर कि हर बार जो बुजुर्ग महिला है मैं यहां पर दादी और दादा बोलूंगा ठीक है कि हर बार यह कोशिश करते हैं कि किसी तरह से अपने बेटे की मानसिक का थोड़ी सी बदल पाए कि हल्की सी छोटी सी जगह अपने दिल में हमारे लिए बनाए रखा और थोड़ी सी हमें इजाजत देता है हम जिंदा है इसी वजह से है लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है अब इन के हालात बताता हूं यह दिल्ली के रहने वाले हैं और बहुत ही पॉश एरिया में रहते हैं वहीं सूखी कलौंजी है पड़े लिखोगी कॉलोनी है घर के आगे तीन चार गाड़ियां है बहुत महंगी महंगी जो आप और हम सपनों में सोचते हैं ना गाड़ी वहीं के घर में खड़ी है वो भी एक नहीं तीन-तीन चार-चार ठीक है बच्चे वहां के सबसे महंगे स्कूल में जाते हैं जो हस्बैंड है इनका बहुत ही जबरदस्त बिजनेस है मतलब लाखों करोड़ों की आमदनी है और जो वाइफ हैं यह कुछ नहीं करती है 13 फ्लोरेंस के घर के ग्राउंड फ्लोर फर्स्ट फ्लोर और सेकेंड फ्लोर शॉप पर नौकर-चाकर रहते हैं

काम करने के लिए साफ-सफाई करने के लिए क्योंकि घर में जो सामान लगा हुआ है जो कि सांस नहीं लेता वह बहुत महंगा है उसकी बहुत कद्र है अम्म बीच में यह दादी बाबा को एक कमरा दे रखा है जो बोल क्या करें अब घर में दे रखा है है उसके ठीक पास में इनके अपडेट्स के लिए भी रूम है इन के कुत्ते और बिल्लियों के भी लिए यह कमरा दादी बाबा के बराबर है है जहां से सुनना यहां से एक बार की बात है तब लोग नीचे डाइनिंग हॉल में बैठकर खाना खा रहे थे दादा की उम्र काफी है और थोड़ा उनका हाथ खाता खाते समय जब वह खाना खा रहे थे तो सब्जी थोड़ी सी डाइनिंग टेबल पर गिर गई थी कि थोड़ी सी दाल उनके कुर्ते पर गिर गई थी के पहले दिन तो उनके अपने बेटे ने और बहू ने उन्हें माफ किया मैं मनोज सुनाए नहीं कुछ ठीक है है

लेकिन दूसरे दिन बर्दाश्त से बाहर हो गई बात दूसरे दिन न सूप पी रहे थे सब लोग शाम 5 बजे के आसपास दादी बाबा भी बैठे थे मम्मी पापा भी बैठे थे और वह दोनों बच्चे भी बैठे थे नौकर-चाकर उनकी डाइनिंग टेबल पर सूट परोस रहे थे सबको रख रहे थे तो दादा का जैसे मैंने बताया कि हाथ फैलता है गलती से जब उन्होंने हैं पीने की कोशिश करें तो हाथ डालने की वजह से वह सूट अच्छा लग गया कि गरम-गरम सुकुन के हाथों पर गिरा कुर्ते पर गिरा उनके पास जमीन पर गिरा और थोड़ा उनकी इटालियन मार्बल पर क्लिक करके आप फर्श पर ज़मीन गंदी-गंदी स्नेह है कि इस बुड्ढे को तमीज नहीं है खाने की कि यह उनकी बहू बोलती है ध्यान रखना यहां से यह बात जब पिता ने सुनी मतलब दादाजी ने तो उन्हें कुछ बुरा नहीं लगा कि वह यह मानना है कि इज्जत व मिलेगी कभी इस घर में भूल चुके थे सिर्फ और सिर्फ उधर मैं अपने बेटे की मुंह और

बाबा श्याम की वजह से रुके हैं

वरना यह घर क्या दुनिया छोड़ने के लिए तैयार है लेकिन जो उनकी धर्मपत्नी उन्हें बहुत बुरा लगा उन्होंने कहा बहू से कि इस तरह से बात नहीं करते हैं वहीं घर में इतने सारे लोग हैं नौकर चाकर हैं इस तरह से आप बोलोगे तो अच्छा नहीं लगेगा कि अपने पति की इजाजत क्यों नहीं करवाएंगे वह बुजुर्ग तो क्या हो गया इज्जत नहीं मिलेगी अब हम यहां बेटे ने क्या कहा उनके सगे बेटे ने यह सगा बेटा ध्यान से सुनिएगा इसके शब्द की तुझे ज्यादा परेशानी हो रही है तो कमरे में क्यों नहीं खा लेते तुम दोनों जिनका बेटा है जिसने अपनी धर्मपत्नी का पक्ष लेते हुए अपनी मां को 10 लोगों के सामने इस तरह से बोल दिया यहां इन दोनों को अब भूख नहीं है इतनी इज्जत से इनका पेट भर चुका है के दोनों उस टेबल से खड़े होते हैं

एक दूसरे की बैसाखी बनते हैं क्योंकि चलने में दोनों को समस्या है और इनका यह कमरा ना ग्राउंड फ्लोर पर होना चाहिए था जिससे इन्हें सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी ना हो लेकिन जबरदस्ती बहू ने और बेटे ने वह कमरा करवाया इनको जो सीढ़ियां चढ़कर ऊपर जाना पड़ेगा कुछ तो परेशानी हो सिर्फ मजे से एसी में बैठे रह गए लोगों हैं थोड़ी बहुत तो मेहनत खानी चाहिए कि यहां आपसे एक बात बोलूं छोटी सी पूरी वीडियो में के बाद में दोबारा नहीं बोलूंगा आपको वीडियो अच्छी लगी हो तो लाइक शेयर सबस्क्राइब जरूर करेगा आप सब्सक्राइब नहीं करते बड़ा दिल को तो लगता है आप लाइक नहीं करते तो मिलिट्री वीडियो में कुछ कमी-सी लगती है तो बताइएगा जरूर कि आप कोई कहानी कैसी लगी और लिखिएगा सबसे पहली लाइन जय श्री खाटू श्याम जी महाराज बाबा सामना चमत्कार सौ पर्सेंट दिखाते हैं बस आप आस्था रखो और संयम से काम लो ठीक है हंड्रेड परसेंट आपको प्रूफ मिलेगा मैं लिखकर दे सकता हूं आपको स्टांप पेपर पर अगर आप मेरे घर के आसपास रहते है ना तो मैं आपको स्टैंप पेपर पर लिख दे सकता हूं कि खाटू श्याम बाबा हंड्रेड परसेंट मदद करते हैं लेकिन सिर्फ सच्चे दिल सोने याद करोगे तब बनावटी और दिखावा मत करना कि दुनिया बाबा शाम को अ पूछ रही है

बाबा शाम को हम बहुत ज्यादा पसंद करते हैं प्यार करते हैं

तो क्यों ना हम भी दिखावा करें दिखावे वाले शब्द जाते हैं मेरे भी आसपास कुछ लोग रहते हैं से जो बाबा शाम को हम बहुत ज्यादा पसंद करते हैं प्यार करते हैं आशा करते हैं इस तरह सुझाव पूरी मार्केट में करते हैं पता है मुझे और आपको भी ऐसे लोग मिल जाएंगे गाड़ी के पीछे स्टीकर लगाने से काम नहीं चलता दिल में स्टिकर स्थापना पड़ता है समझ गए अब हम यहां यह बुजुर्ग दोनों अपने कमरे में चले गए और रोककर इन्होंने बस अपना समय बिता लिया अब यह सब होता देख रहे हैं वह दोनों छोटे-छोटे शेर चीते यानी आठ साल का वह भी टाइम का और 12 साल वाला बच्चा जो दोनों देख रहे हैं सब कुछ होते हुए लेकिन कुछ कर नहीं सकते अगले दिन होता है इनके घर में पार्टी है और इनके पूरे घर में ना पूरे घर में सिर्फ खाटू श्याम बाबा की इतनी छोटी सी एक तस्वीर है जो कि दादी बाबा के कमरे में है उसके लिए दिल से पूजा करते हैं बहुत बार मां ने अपने बेटे से बोला है

कि बाबा श्याम की एक मूर्ति बड़ी सी हमें मंदिर में स्थापित करनी चाहिए तो इसके पास वक्त नहीं है दोस्तों के साथ घूमने के लिए बाहर वक्त है पार्टी न आपके लिए वक्त है बीवी के साथ शॉपिंग बच्चों के साथ पिक्चर शब कुत्तों को घुमाने के लिए बाहर जाना है कि युवक है लेकिन जो मैंने काम बोला है जो पिता ने काम है उसके लिए वक्त नहीं है तो एक बार इनके घर में एक पार्टी थी बहुत बढ़िया पार्टी कोई बहुत बड़ा कॉन्ट्रैक्ट सा जो कि उसके पापा को मिला था मतलब इन दोनों बच्चों के पापा को मिला था तो दादी बाबा का कमरा बाहर से बंद कर देते हैं तो दादाजी अंदर से दरवाज़ा खटखटाकर पूछते हैं कि भई क्यों बंद कर रहे हो क्या बात हो गई तो बाहर से बेटा क्या बोलता है कि कुछ अच्छे लोग आ रहा है कि इसीलिए हमने कुत्तों वाला कमरा और तुम्हारा बाहर से बंद कर दिया है और बाकी लोगों को परेशानी ना हो को दोबारा बोल रहा हूं ध्यान से सुनिएगा को तो वाला कमरा और तुम दोनों वाला कमरा बाहर से बंद किया है जिससे अच्छे लोगों को बाहर परेशानी ना हो है बाबा श्याम की महिमा है रंग तो जरूर आएगी और यह जो सब हो रहा है ना

यह बाबा श्याम की नजर में हो रहा है

लेकिन वह मोहलत दे रहे थे किसी तरह से सुधर जाए मां-बाप को मां-बाप समझें ठीक है और इंसानों की प्रजाति में आ जाए यह जो जानवरों वाला काम तो कर रहा है इससे बाहर आजा वक्त रहते वरना वक्त बदलने में वक्त नहीं लगता अब यहां यादव पिता जो है दादी बाबा दोनों अपने कमरे में फूट-फूटकर रोते हैं कहां गलती हो गई और यह सब हो रहा है बाबा श्याम की नजरों के सामने हो तस्वीर इनके घर में इनके कमरे में साफ रखी है रोते-रोते मान है बाबा श्याम पर सवाल खड़े कर दिए हैं है कि तेरे होते हुए घर में यह सब हो रहा है बाबा मुझे ऐसा लगता था कि तुम्हारा साथ कभी नहीं छोड़ोगे और ऐसा नहीं कि यह शुरू से बाबा श्याम पर इनकी आस्था है इन के बेटे के एक्सीडेंट के समय जो आज सिर चढ़कर बोल रहा है लड़का एक्सीडेंट के समय पिता जो अच्छी-खासी कमाई करते थे कंपनी चलाते थे

वेक्यूम चलाते थे जो आज बुजुर्ग हैं इन्होंने अपने दो फैक्ट्री भेज दी थी चलती हुई सिर्फ अपने बेटे को बचाने के लिए ठीक है कि जब उनकी बहू घर में आई थी तो मां ने अपने पुराने जेवरों की आज की डेट में इनकी जो धर्मपत्नियां शाहिद अफरीदी ना पाए वह दान में दे दिए थे अपनी बहू को खुशी में में हाउ टो बीट थे बाबा श्याम पर इनकी आस्था है क्योंकि डॉक्टर मना कर चुके थे कि आपका बेटा ज्यादा नहीं बचे का यह सिर्फ ऐसे भगवान बचा सकते हैं और वहां किसी ने हॉस्पिटल में खाटू श्याम बाबा के बारे में बताया था भैया देखिए आप किसी अंधेरी गुफा में है ना और इतनी सी बी एक रोशनी की किरण दिख जाए तो आपको बाहर निकलने के तरीके समझाने लग जाते आपको बाहर निकलने के लिए एक उम्मीद जग जाती है तो बाबा श्याम वहीं किरण बन गए

इन बुजुर्गों गए जिंदगी में आए थे और आज तक इनके साथ है कि कोई समस्या इतनी बड़ी नहीं हुई जो कि बाबा श्याम सॉल्व नहीं कर पाए रोते-रोते मां बोलती है खाटू श्याम बाबा से कि हमसे क्या गलती हुई है शार्प क्यों क्या तुझे अब हम यह मेरी परेशानियां नहीं दिखती कि हमें धंधा न कुछ नहीं चाहिए कि थोड़ी सी बस इज्जत की उम्मीद है और अगर वह भी नहीं मिल सकती तो हमारे प्राण क्यों नहीं लेता हम दोनों जिंदा क्यों है या तो हम दोनों को मुक्ति दिशा या अब यहां से सहारा बन हमारा क्योंकि अब हम थक चुके हैं कि यहां पिता के आंसू नहीं रुक रहे उन्होंने बाबा की तरफ देखा भी नहीं क्योंकि कोई भी पलकों से बाबा को देखोगे तो शायद उन्हें भी अच्छा ना लगे वह बहुत परेशान है बहुत ज्यादा दुखी हैं तभी को उनका दरवाजा खोलता है को देखते हैं वह दोनों ने शैतान अपनी दादी बाबा के लिए कुछ मिठाई और एक प्लेट में थोड़ा सा खाना लें अ है कि हम दोनों आपके साथ खाएंगे

तो है इन्हें कोई सिखाने ही रहा है यह मानो कि बाबा श्याम ने अपने दूध भेज रखे हैं कि मेरे पहुंचने तक तुम दोनों संभाल लो बाकी फिर मैं आ रहा हूं अब दादी बाबा ने उन दोनों को देखते ही सबसे पहले अपने चेहरे को साफ करा कि मनसे तो वह भूखी है लेकिन सामने से चेहरे से बच्चों के आगे मतलब अपने नाती-पोतों के आगे वह दुखी नहीं हो सकते हैं गलत लगता है अच्छा नहीं लगता लेकिन छोटे वाले ने दादी से पूछा कि तुम रो रही थी दादी ने मना कर दिया नहीं नहीं वह तो आंख में कुछ गिर गया था बच्चे इसलिए थोड़ा सा आंख ऐसी आपको लग रही होगी क्यों तो वह छोटा वाला बोला कि मुझसे झूठ बोलती हो यदि तुम मैं क्या जानता नहीं तुम्हारी आंख लाल हो रही है इसका मतलब तुम रोई थी झूठ मत बोलो अब दादाजी ने कहा कि अच्छा ठीक है यह मिठाई किस खुशी में आई है तो उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता सब लोग नीचे एक दूसरे से बात कर रहे हैं कुछ मिठाई चल रही है कुछ खाना चलो हम तो आपके साथ यहां पर बैठकर खाएंगे हमें भी लगानी चाहिए बनावटी दुनिया से वह अपने मन में आए हैं नीचे तो सारा खेल बनाती है नीचे और ऊपर दादी बाबा के पास अपनापन है

अब यहां यह चारों आराम से बैठ कर खाते हैं और हिलते-हिलते हाथों से कांपते कांपते हाथों से अपने पोतों को खिलाते और पोतों को कोई बुराई नहीं कोई परेशानी नहीं है कि दादा जी का हाथ रहा है और हमारे चेहरे पर काफी मिठाई अलग-अलग उन्हें कोई परेशानी नहीं है है क्योंकि उनका मुंह छोटे बच्चों का जो है उनका मुंह इटालियन मार्बल सस्ता है मेरे ख्याल से लेकिन अगर यह ही हो रहा होता खेल उन मां-बाप के सामने जो नीचे अभी बिजी हैं तो आज इन दोनों की खैर नहीं थी अ में होता क्या है कि मां अपने बच्चों को ढूंढती हुई जैसे ही उस कमरे तक आती है दादी बाबा को हिलाते देख उनके महंगे कपड़े खराब करते देख उसे बहुत गुस्सा आ जाता है और बोलती है कि तुम दोनों को समझ नहीं आता है अपने कमरे में आराम से नहीं बैठ सकते थे ना है तू खुलवाया तो मैंने दरवाज़ा बच्चों से और क्यों खराब करूं तुम्हें महंगी जब तुम्हें बेडशीट कितनी महंगी है पता है|

जिंदगी में कभी इतनी महंगी बेडशीट पर बैठे हो और वह इस तरह से जल गई जब कर रही थी तो नीचे जो पार्टी में लोग तो उन्होंने भी सुना कुछ लोग ऊपर आए अब यह जलील करना एक तरह का फैशन हो गया अपने माता-पिता को सब के बीच में खड़े कर कर बहुत ही अच्छे अच्छे शब्दों का इस्तेमाल किया गया और सब हंसकर ताली बजा रहे हैं कुछ लोग वीडियो भी बना रहे हैं क्योंकि मैंने अपलोड करनी होगी कहीं घर जाकर देखना होगा अ कि कुछ बातें जो 9:00 लिखकर भेजिए जरा ध्यान से सुनिएगा आ है कि इन की चप्पलें तो देखो इतने महंगे घर में रहते हैं जहां हमारे नौकर भी ब्रेंड जूते-चप्पल पहनते हैं इनकी चप्पल तो देखो मजाक उड़ रहा है यहां पर माता पिता का नाम कि इसकी साड़ी तो देखो किस घर में रहती है या हमारी खाना बनाने वाली से महंगे कपड़े पहनकर आती है और इसके कपड़े देखो ने अपनी सास को बोल रही है ने अपनी पत्नी की बेइज्जती होते देख जो उनके पति देर है मतलब दादाजी वहां के सामने आते हैं ठीक है कि किसी तरह से उसकी बदनामी ना हो मेरी बदनामी हो मैं सामने रहा हूं और इन को देखो यह चलते फिरते रहते हैं जमीन नदी कर देते हैं टेबल बंद कर देते हैं

और हाथ जला लेते हैं अपना अरे एक बार में जलाकर छुट्टी करो और सब लोग हंस रहे हैं इस बात को ध्यान से सुनिएगा क्या बोला था उसने यह बेटे ने बोला एक बार में जलाकर छुट्टी करो समझ रहे हो क्या बोल रहा है कि यह दोनों सो रहे हैं मैं मन ही मन माता बोलती हैं कि खाटू श्याम बाबा सिर्फ एक दिन दे रही हूं इसके बाद हमें प्राण छोड़ने ही पढेंगे मन में उन्होंने बोला तभी दोनों बच्चे आए छोटे-छोटे अपनी दादी बाबा का उंगली पकड़ा और उन्हें उनके कमरे में ले गए मम्मी-पापा बोलते रहे मजाक उड़ाते रहे तालियां बजती रही लेकिन वह उन्हें उनके कमरे तक ले आया जहां बेइज्जती हो रही थी कि कि अब इन दोनों का रोना जो है रुख नहीं रहता था मैं बहुत परेशान हूं मैं इनका जीवन चल रहा है बहुत परेशानी में इनके साथ यह सब कुछ हो रहा है अगले दिन बीता है माता-पिता से यह दोनों बात ही नहीं करते मतलब अपने दादी बाबा से उनके बेटा और बहू बात ही नहीं करते हैं एक और दिन बीता है हां खाना टाइम पर खा रहे हैं कि आपको यह लगे कि वह खाना नहीं खाना टाइम पर खा रहे गिरने जिंदा रखना है गलती से शायद हो सकता है किसी प्रॉपर्टी पर किसी कागज पर साइन होने बाकी हो वरना जिंदा रखने कि क्या जरूरत है आपको लगता है कोई जरूरत है यहां मैं बोलता है कि एक दिन बीत जाने के बाद डाइनिंग टेबल पर फिर से खाने के लिए उन दोनों को बुलाया जाता है कि अब वह बैठे हैं हाथ कांप रहे हैं वहीं सब कुछ हो रहा है और जैसे ही उनके हाथ से कुछ खाने का सामान गिरा और ज़मीन और डाइनिंग टेबल गंदी हुई तो जबरदस्ती उनका हाथ पकड़कर उनके बेटे ने उन्हें जमीन पर बैठा दिया और का यहां बैठ और अब से तू यहीं पर बैठ कर खाएगा

यह लाइन में दोबारा नहीं बोलूंगा इसी वाली लाइन को थोड़ा सा पीछे अगर आप सुन लेना कि वे ने क्या बोला था प्लीज सुनना है के पिता ने कहा कि बेटा मैं नीचे जमीन पर बैठकर खाना नहीं खाऊंगा तो बहुत बोलती है सर खाने की जरूरत ही क्या है बुखार है हैं और अपनी सास को बोलती है कि तू यहां क्यों बैठी है तू भी जमीन पर बैठ जाए क्योंकि संस्कार नहीं है तुम्हारे पास जहां पति बैठकर खाता है वहां खाना चाहिए तू पर बैठकर था कि वह जमीन पर बैठकर का यह तू-तड़ाक कोई प्यार से नहीं बोला जा रहा है बदतमीजी और बेइज्जत करने के लिए बोला जा रहा है और अब देखो कमाल है कि वहां पर जब बैठकर यह खा रहे थे तब भी इनके हाथों से खाना गिर रहा था अ के पिता बोलता है कि कल तुम दोनों का इस चीज का इलाज करके ही रहूंगा तुमने बहुत मेरी दीवानी गंदी करी है बहुत फ़ास्ट गंदे करें दिवाली कैसे गंदी है यह बता दूं आपको जब यह दोनों साथ नहीं होते ना दादी बाबा तो दिखता भी थोड़ा थोड़ा कम है तो दीवार का सहारा लेकर चलते हैं कभी हाथ पीले होते हैं कभी हाथ सब्जी के होते हैं तो वह दीवार को जब सूखे चलेंगे तो भाई इतनी महंगी दीवारें हैं घर की गंदी नहीं होंगी दीवार थूके चिल्ड्रन तमीज नहीं है इससे अच्छा तो मैं जमीन पर गिर जाओ रेंग-रेंग कर अपने कमरे तक जाओ दीवार स्कूलों इतनी महंगी दीवार अब यह बाबा श्याम पर आस्था बनाए रखे हैं और बस इन्हें यह है कि किसी तरह से मुक्ति मिले इज्जत तो मिली नहीं ठीक है अगले दिन का इंतजार इनके पूरे घर को है कि बेटे यह बोला कि तुम्हारी इस बीमारी का इलाज तो मैं खरीद दूंगा माता-पिता को लग रहा था कि शायद किसी डॉक्टर को लेकर आएगा बेटा जो कि हमारे इससे परेशानी कुछ सोचेगा

सं इंदौर कोई दवाई से अमेरिका या अगले दिन जब बेटा फैक्ट्री चाहता तो मिट्टी के दो बड़े बर्तन लेकर आता है और अपने माता-पिता को जमीन पर बैठाकर कहता है कि अब इसे तुम दोनों इसी में खाओगे मिट्टी के बर्तन में कि उन दोनों को वैसे कोई परेशानी नहीं है लेकिन वह इतना पैसे वाला है है और मिट्टी के बर्तन मां-बाप को जमीन पर आकर कहता है कि इसमें खाएगा कम से कम गिराएगा तो इसी में गिरेगा इतना बड़ा बर्तन है जो भी तेरे मुंह से खाते में गिरेगा सूट गिरेगा खाना करेगा उसी बर्तन में गिरेगा इसी में गिरेगा इसी से खा ले मां को भी वैसा ही बर्तन लाकर दिया ठीक है कि यह सब देख रहे हैं दोनों जो हर साल का बच्चा है और 12 साल का बच्चा दोनों देख रहे हैं और अब यह सिलसिला लगातार हो रहा है रोज उन दोनों को उसी में खाना पड़ता है ठीक है एक-दो दिन बीतने के बाद वह 28 साल का बच्चा इनका और 12 साल का वह अपने घर के गार्डन में मिट्टी खोदने लग जाते हैं एक दिन बीता है दो दिन बीता है तीसरे दिन भारतीय कुश्ती है कि तुम दोनों अपने कपड़े बंद कर रहे हो बंद कर रहे हो क्या कर रहे हो तुम दोनों तो बच्चों ने कहा कि स्कूल का कोई प्रोजेक्ट स्कूल का कोई काम है मम्मी हम वह कर रहे हैं ठीक है तो मम्मी ने कहा कि अरे बाजार में मिलती है चीज है

तुम बताओ कहां मिलेगी चीज कितने की मिलेगी और खरीद लो तुम दोनों की मेहनत कर रहे हो तो उन्होंने कहा नहीं हमारे को खेल भी हो जाए हम अपने आप करेंगे हमें मैडम ने जो कि हम दोनों यहां पर यह जो यहां से उनकी मम्मी भी बिजी है किटी पार्टी शॉपिंग पर चेयर दोस्तों में बातचीत मोबाइल पर 24 घंटे रहना बहुत बिजी है बच्चों पर इसका ज्यादा इंटरेस्ट है नहीं दादी बाबा रोज पूछते कि बच्चों तुम क्या कर रहे हो हर बार बच्चे व हर बार बच्चे अपनी दादी बाबा को बोलते हैं कि बहुत कमाल की चीज हम बना रहे हैं और अब बनेगी तो सबको बहुत अच्छा लगेगा अब दादी बाबा ने बहुत जोर दिया लेकिन उन्होंने बताया नहीं दोनों ने कि वह दोनों कर क्या रहे हैं कि एक दिन और भी ता है मां शिकायत कर देती है अपने हस्बैंड से की रोज यह दोनों गार्डन में जाकर कुछ अमेठी में काम करते हैं खेलते हैं और सारे कपड़े बंद करके लेकर आते हैं और बाहर से जाते हैं तो मिट्टी कमरे में आती है बहुत बुरा लगता है इन दोनों को समझाओ तो उसने का कोई बात नहीं घर गंदा होता है तो साफ-सफाई करने वाले 50 लोग तो है क्या परेशानी है यह तब नहीं दिख रहा था

जब इनके मां-बाप और यहां बैठकर खाते थे और खाना गिर जाता था बच्चों के पैरों की जो धूल है वह इन्हें नजर नहीं आ रही आपने हैं मां-बाप तो शायद इनके ही नहीं है ना अब एक दोपहर की बात है जिस दिन की फैक्ट्री की छुट्टी है ठीक है खाने का प्रोग्राम होता है तो दादी बाबा भी आते हैं वह जमीन पर अपने आप आकर बैठ जाते हैं और उनके आगे वह मिट्टी का बरतन रख दिया जाता है अब उन्हें कोई आपत्ति नहीं है कि भाई रोज ही बदतमीजी हो रही है रोज बदनामी हो रही है रोज ही बेइज्जती हो रही है तो उस बारे में कुछ कहना है यह सही नहीं लगता ठीक है इंसान अपने इस जाति जबरदस्ती नहीं कर सकता हां अगर बाबा श्याम की लाठी लग जाए किसी परतों से तमीज जरूर आ जाती है थे फर्म माता-पिता जैसी डाइनिंग टेबल पर बैठते हैं देखते हैं कि बच्चे नहीं है तो उनके घर में जो शख्स है जो खाना बनाते उन्होंने बताया कि दोनों बच्चे गार्डन में भी है

सुबह के हुए और गार्डन मैं अभी तक आई नहीं है तो पिता बड़े गुस्से में रहता है क्यों को बुलाकर लेकर आओ जाते हैं तो बच्चे बाहर से आवाज देकर बोलता है कि बस हमारा काम हो ही गया है अब हम खुद आ रहे हैं दो मिनट में आ रहे हैं अब दादी बाबा भी आवाज दे ताकि बच्चों आ जाओ खाना लग गया है अब वह दोनों आते हैं छोटे-छोटे बच्चे आठ साल और 12 साल वाला और दोनों अपने हाथों में कुछ छुपा कर लेते हैं मतलब अपने पीठ के पीछे उन्होंने छुपा रखा होता है अब मम्मी और पापा हंसकर बोलते हैं क्या छुपा रखा है दोनों ने क्या लाए हो गार्डन अच्छी तो कोई फ्लावर है कोई साफ फ्रूट है उन्होंने का नहीं यह पापा मम्मी बहुत काम की चीज है जो हमने बनाए है हमें 10 दिन लगे बनाने में मम्मी ने कहा अच्छा कौन सा है तुम बताते स्कूल का कोई प्रोजेक्ट है उसने का स्कूल का तो है नहीं यह हमने वो बोला था लेकिन हां यह लाइफ का आपकी जिंदगी का बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है अब पापा हंसने लगा उनका कि बच्चा इतनी बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हो कैसा प्रोजेक्ट हम देखें तो सही तो इन दोनों ने हाथ जब आगे करा तो मां-बाप की शक्ल देखने लायक हो गई उन दोनों के हाथों में छोटे-छोटे दो मिट्टी के कटोरे थे जो उन्होंने अपने हाथों से बनाए थे

अपने गार्डन की मिट्टी से कि अब दादी बाबा भी यह देख रहे थे के पिता ने पूछा कि यह क्या है है तो बच्चे बोलते हैं कि जिस तरह आप दादी बाबा के लिए बर्तन लेकर आए थे बाजार से खरीद के पैसे खर्च के तो जब हम पढ़े होंगे यह वाले बर्तन मिले ना मिले तो इसलिए हमने घर में ही बनाने शुरू कर दिए जब तक हम बड़े होंगे ऐसे बहुत सारे बर्तन बना लेंगे वरना आप दोनों भी खाओगे कैसे खाना कि दादी बाबा का यह बर्तन है आप बाजार से ले आओ टूट जाए फिर से लिए हमें तो पता भी नहीं मिलता है पापा हमने यह कि खुद बनाया है और हम यह बनाना जानते हैं कि हम जो बड़े होंगे और आप भी इस तरह जमीन पर बैठकर खाओगे तो आपको अच्छा लगेगा कि हमने अपने हाथों से बनाया बर्तन में कि दादी बाबा के आंखों में आंसू आ गए थे है और जो दे दी है उन्होंने आंख बंद करके बाबा श्याम से कहा कि मुझे पता तो था कि तुम किसी ना किसी तरह से अ मैं आऊंगा जरूर

लेकिन कि बच्चों के रूप में आओगे कि यह नहीं पता था

अब यहां मम्मी-पापा दोनों रो गए थे कि अपने बच्चों को गले लगाया और अपने दादी बाबा मतलब कि अपने मम्मी पापा का ससुर जो है उनके पैरों में लेट गए हैं और उनके पैर छूकर बोलते हैं कि हमसे बहुत बड़ी गलती हो गई कि हमें माफ करो और बाबा मैं कैसे इतना बदतमीज हो गया मुझे नहीं पता चला लेकिन आज कसम खाता हूं कि आज के बाद जिंदगी में मैं वह गलतियां नहीं करूंगा जो भी तक करता हुआ था मम्मी जो भी मुझसे गलतियां हुई है उसके लिए मैं माफी मांगता हूं और जो वह बहु है जो कि बदतमीज हो गई थी बहुत ज्यादा उल्टा-सीधा भी बोल रही थी कि तू से शर्मीली थी उसके हस्बैंड कि उसके आंसू नहीं थम रहे और आपको बता दूं यह जो बुजुर्ग है

ना दादी बाबा इन्होंने इन दोनों को महावत अमीरों को ऐसे माफ भी कर दिया कि उनका दिल बहुत बहुत समय से इन दोनों का इंतजार कर रहा था और हां उस दिन के बाद से आज तक कोई शिकायत नहीं है िनराधि बाबा को अपने बच्चों से ठीक है और वह जो 2 मिनट है नादान है शैतान है इन में एक बच्चा जो अब तबाह हो गया है 16 साल का उसने मुझे यह कहानी भेजिए और अपने पापा के परमिशन के साथ ऐसे नहीं कि अब अपने आप कुछ भी भेज दिया इनके पापा से भी मेरी फोन पर बात हुई और जब वह बात कर रहे थे तो रो रहे थे फिर मैंने पूछा दादी बाबा कैसे है तो उन्होंने बताया कि वह काफी ठीक है

जो हमारी गलतियां मीणा व है अब हम नहीं दोहराते और हां बाबा श्याम की जो मूर्ति के लिए मेरी मां ने कहा था वह भी हमारे घर में स्थापित है पूरे दिन बाबा श्याम की आस्था होती हमारे घर और आज के समय में जितना दिन था उससे कई गुना ज्यादा में हो चुका हूं और कमर के बाद जैसे मैं यहां पर उनका नाम तो नहीं बताऊंगा लेकिन पूरे साल में तकरीबन-तकरीबन 21 से 51 बेटियों की शादी यह कराते हैं चारों लोग अलग दादी बाबा और मम्मी-पापा जो हेयर आज की वीडियो में ही आज के वीडियो आपको कैसी लगी मुझे बताइएगा जरूर अच्छी लगी तो लाइक शेयर सब्सक्राइब करिएगा नहीं अच्छी लगी तो कमेंट करके बताइएगा कि आपको कौन सी बात अच्छी नहीं लगी मेरा नाम नितिन है वीडियो देखने के लिए शुक्रिया मुलाकात करूंगा आपसे एक अगली वीडियो में है धन्यवाद